अविश्वास प्रस्ताव पर राहुल गांधी के भाषण की रणनीति बदली गई
खरी खरी डेस्क
नई दिल्ली, 9 अगस्त। मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी का भाषण बुधवार को हुआ, जबकि कांग्रेस खेमे से खबर थी कि राहुल चर्चा की शुरुआत करेंगे। कांग्रेस की ओर से वक्ताओं की जो सूची स्पीकर को दी गई थी, उसमें भी राहुल गांधी का नाम पहले नंबर पर था। सियासी गलियारों में यह सवाल गूंज रहा है कि राहुल के भाषण की रणनीति क्यों बदली गई।
कांग्रेस ही नहीं समूचे विपक्षी गठबंधन इंडिया में इस बात की खुशी थी कि लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू होने के पहले संयोग से राहुल गांधी की सांसदी बहाल हो गई। इसलिए तय हुआ कि मंगलवार को चर्चा की शुरुआत राहुल गांधी से कराई जाए। मीडिया में यह ख़बर पिछले दो दिनों से सुर्खियों में थी कि राहुल गांधी ही चर्चा की शुरुआत करेंगे।मंगलवार को राहुल गांधी का नाम भी लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला के पास पहले वक़्ता के तौर पर भेजा गया था। इस बात की चर्चा ज़ोरों पर थी कि राहुल गांधी सांसदी बहाल होने के बाद लोकसभा में किस तेवर में बोलेंगे। लेकिन बताया जा रहा है कि आख़िरी मिनटों में राहुल गांधी ने चर्चा की शुरुआत करने से इनकार कर दिया। अभी तक यह रहस्य बना हुआ है कि राहुल गांधी ने ऐसा क्यों किया।राहुल के इनकार के बाद कांग्रेस के फ्लोर मैनेजरों ने ओम बिड़ला को सूचित किया कि असम से पार्टी के सांसद गौरव गोगोई चर्चा की शुरुआत करेंगे। गौरव गोगोई ने ही अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था।कांग्रेस नेता चर्चा की शुरुआत राहुल गांधी की ओर से नहीं होने पर कोई ठोस कारण नहीं बता रहे हैं लेकिन सत्ताधारी बीजेपी इससे ज़रूर हरकत में आ गई।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने लोकसभा में चर्चा शुरू होने के दौरान ही पूछा कि राहुल गांधी का नाम स्पीकर के पास भेजा गया था लेकिन उनका नाम वापस क्यों लिया गया? इस पर गोगोई ने जवाब दिया कि “स्पीकर के चेंबर में हुई बातों को सार्वजनिक करना ठीक नहीं है, क्या ये भी बता जाएगा कि प्रधानमंत्री और स्पीकर के बीच क्या बात हुई।” ऐसा लग रहा था कि कांग्रेस के सांसदों को भी इसका अंदाज़ा नहीं था कि राहुल गांधी प्रस्ताव पर बहस की शुरुआत नहीं करेंगे, सभी अपने-अपने कारण बता रहे थे।एक सांसद ने मीडिया से कहा कि हमने राहुल गांधी नाम एक चाल के तहत दिया था। हमें पता था जैसे ही सरकार को पता चलेगा कि राहुल गांधी बोल रहे हैं, ट्रेज़री बेंच अपनी पूरी तैयारी के साथ आएगा और उनकी बहस को मुद्दे से भटकाना चाहेगा। लेकिन जब हमने ऐन मौक़े पर तय किया कि गोगोई बोलेंगे तो वो लोग हैरान परेशान हो गए, सत्ता पक्ष के सांसद इसके लिए तैयार नहीं थे। कांग्रेस सांसदों ने राहुल गांधी से ओपनिंग नहीं कराने के कई कारण गिनाए लेकिन आधिकारिक कारण कोई नहीं बता पाया। वहीं राहुल गांधी जब बुधवार को बोलने आए तो सबकी नजर उन पर थी। उन्होंने भाषण की शुरुआत में यह कहकर माहौल गर्मा दिया कि आज वे अडानी पर बात नहीं करेंगे। बाद में राहुल गांधी ने मणिपुर के मुद्दे पर अपने भाषण को केंद्रित किया। उनके भाषण में दार्शनिक अंदाज था लेकिन रणनीति का अभाव था।